श्री संजीव भुटानी
महानिदेशक/आरडीएसओ
श्री संजीव भुटानी ने दिनांक 30 जुलाई, 2021 को महानिदेशक/आरडीएसओ के पद पर कार्यग्रहण किया है। इससे पहले वे पश्चिम रेलवे में प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने वर्ष 1984 में आर.ई.सी., कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की तथा वे भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरी सेवा (आईआरएसईई) 1984 बैच के अधिकारी हैं।
उनको रेलवे एवं मेट्रो कार्यप्रणाली का बृहद् अनुभव प्राप्त है तथा इन्होंने विद्युत रेल इंजन प्रचालन एवं अनुरक्षण में शाखा अधिकारी, पश्चिम रेलवे के रतलाम, वड़ोदरा, कोटा एवं मुंबई सेंट्रल मंडल में विद्युत कर्षण वितरण, दक्षिण पूर्व रेलवे एवं पश्चिम रेलवे के विद्युत (निर्माण) और राइट्स लिमिटेड, गुडगांव में शहरी यातायात में ग्रुप महाप्रबंधक (एसबीयू हेड) के रूप में विभिन्न क्षमताओं में सेवा प्रदान की है। इन्होंने हितैची/जापान में प्रशिक्षण के टीम लीडर के रूप में कार्य किया तथा चितरंजन लोकोमोटिव वक्र्स में हितैची ट्रैक्शन मोटर की निर्माण सुविधाएं स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्होंने 10 से अधिक मेट्रो रेलों हेतु डीपीआर तैयार की तथा अहमदाबाद मेट्रो हेतु अनुरक्षण डिपो, विद्युत आपूर्ति तथा कर्षण प्रणाली संस्थापित करने हेतु व्यापक डिजाइन परामर्श प्रदान किया। पश्चिम रेलवे में प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर (पी.सी.ई.ई.) के रूप में कार्य करते हुए इन्होंने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2019 एवं 2020 अर्जित कर कई कीर्तिमान स्थापित कि। इनमें डीजल शेड, रतलाम (RTM) एवं वटवा (VTA) में विद्युत रेल इंजनों में अनुरक्षण सुविधाएं स्थापित करना एवं भारतीय रेलवे का 1243 आर.के.एम. का सबसे बड़ा विद्युतीकरण प्रमुख है। इसके अतिरिक्त राजकोट एवं भावनगर मंडल में विद्युत कर्षण की शुरूआत तथा 10 जून, 2020 को विश्व के सबसे ऊंचे (ओएचई) शिरोपरि उपस्कर (7.57मीटर) के नीचे विद्युत कर्षण की डबल स्टेक कंटेनर फ्रेट सेवाओं के प्रचालन हेतु विश्व रिकार्ड स्थापित किया गया।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय रेल सामरिक प्रबंधन कार्यक्रम में शामिल होने हेतु फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका एवं अमेरिका का दौरा किया। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं तथा इन्होंने वर्ष 2002-03 में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार तथा सराहनीय सेवाएं प्रदान करने के लिए 03 महाप्रबंधक पुरस्कार प्राप्त किए हैं।