
परिचय
भारत में रेलों की शुरुआत वर्ष 1853 में हुई तथा उसके विकस के समय 20वीं शताब्दी तक बहुत सारी कंपयनियों के अस्तित्व में आने से नई रेल प्रणालियों का उद्भव हुआ । विभिन्न रेलप्रणालियों के मानकीकरण एवं उनके मध्य समन्वय स्थापित करने हेतु भारतीय रेल कान्फ्रेन्स एसोसिएशन (आई0आर0सी0ए0) का गठन किया गया । इसके बाद वर्ष 1930 में डिजाइनों मानकों एवं विशिष्टियों को तैयार करने हेतु केन्द्रीय मानक कार्यालय (सी0 एस0 ओ0) की स्थापना शिमला में की गई । स्वतन्त्रता प्राप्ति तक अधिकांश डिजाइनों एवं रेलउपस्करों का निर्माण कार्य विदेशी परामर्शदाताओं को दिया जाता था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश की औधोगिक एवं आर्थिक गतिविधियों में हुई अप्रत्याक्षित तेजी के करण रेलपरिवहन की मांग बढी रेलवे रालि़ग स्टाक रेलपथ आदि के विकस हेतु परीक्षण एवं व्यवहारिक अनुसंधान करने के लिए लखनऊ में सन 1952 में रेल परीक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र (आ0 टी0 आ0 सी0) नामक एक नए संगठन की स्थापना की गई । वर्ष 1957 में केन्द्रीय मानक कार्यालय और रेलवे परीक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र (आ0 टी0 आर0 सी0) एक स्वतंत्र यूनिट के रूप में विलय कर लखनऊ में रेल मंत्रालय के अधीन अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन की स्थापना की गई। दिनांक 01.01.2003 को आर0डी0एस0ओ0 को एक समबद्ध कार्यालय के स्थान पर क्षेत्रीय रेलवे का दर्जा दे दिया गया है।
संगठन
आर. डी. एस. ओ के शीर्ष अधिकारी महानिदेशक हैं, जिनकी सहायता विशेष महानिदेशक (इंजीनियरिंग), विशेष महानिदेशक (वेंडर विकास), अपर महानिदेशक , वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक और कार्यकारी निदेशक करते हैं, जो विभिन्न्न निदेशालयों के प्रमुख होते हैं। आर डी एस ओ के सफल संचालन हेतु इसे 32 विभिन्न्न निदेशालयों में बाँटा गया है।
गुणवत्ता आश्वासन क्षेत्र इकाइयों को छोड़कर आरडीएसओ के सभी निदेशालय लखनऊ में स्थित हैं। रेलवे उत्पादन इकाइयों और उद्योगों के लिए सेल, जो संपर्क, निरीक्षण और विकास कार्य को देखते हैं, बैंगलोर, भोपाल, मुंबई, कोलकाता, जयपुर, हैदराबाद और नई दिल्ली में स्थित हैं।
CAMTECH, ग्वालियर, RDSO के प्रशासनिक नियंत्रण में सहायक संगठन है।